अछूत कन्या - भाग १८  

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गंगा की माँ नर्मदा के मुंह से अपना नाम सुनते ही विवेक ने प्रश्न किया, “अरे आंटी आप मुझे कैसे जानती हैं?” “जानूँगी कैसे नहीं बेटा। दिन भर में कितनी ही बार इस गंगा के मुंह से तुम्हारा नाम सुनती रहती हूँ। कुछ ना कुछ, किसी ना किसी बात पर से तुम्हारी चर्चा हमारे घर में रोज होती है।”  गंगा ने कहा, “क्या अम्मा आप भी ना…” नर्मदा ने कहा “तुम्हारे बारे में, मैं सब कुछ जानती हूँ। इसके मुंह से सब सुना है मैंने, बस देखा आज पहली बार है।”  विवेक मन में सोच रहा था, नहीं आंटी आप