……Now on……उबांक : दानव राज क्या हुआ ….?तक्ष : उबांक ऐसा लगा जैसे मेरा वशीकरण कमजोर पड़ रहा हैं …. नही ऐसा नहीं होना चाहिए ….अगर मेरा वशीकरण टूटा तो मैं यहां नहीं रह पाऊंगा ……मुझे कुछ करना होगा ……उबांक अदिति जहां भी है जाओ उसके खुन की कुछ बुंद लेकर आओ ….!उबांक : जी दानव राज ……(चला जाता हैं)**********श्रुति : इसे होश क्यूं नही आ रहा हैं ….विवेक : श्रुति ….पानी कि छिंटे मारो ……!श्रुति : हां …. (पर पानी की छिंटो से अदिति को होश नही आया बस वो तो कुछ बोल रही थी …जिसे विवेक सुनने की