दो पागल - कहानी सपने और प्यार की - 10

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  अंक १० - गाढ़ दोस्ती          नमस्कार दोस्तों आज फिर से हाजिर हु आपकी अपनी कहानी यानी के दो पागल को लेकर। मेरी आपसे एक बिनंती है कि अगर आप आगे के ९ अंक नहीं पढे तो सबसे पहले उस अंको को पढले ताकी आपको यह अंक समझ आए। शुरुआत         तो आइए शुरु करते है आज की सफर। आगे हमने देखा की केसे सभी दोस्तो ने एक मस्ती भरी रात पसार की जीसमे हमे रुहान जीज्ञा की दोस्ती भरोसे मे बदलती हुई दीखी, पाचो दोस्त अब एक दुसरे पे भरोसा करने लगे थे।