वो हैरान आंखो से कभी एक- दूसरे को देख रहे थे तो कभी डॉक्टर को, दोनो के चेहरे पर हैरानगी और परेशानी के भाव छाये हुए थे, अविनाश का तो जैसे दिल ही टूट गया था । वो पथराई आंखो से एकटक मान्या को चेहरे की तरफ देखने लगा । अचानक ही अविनाश की आंखों में नमी तैर गई थी ।" मिस्टर अविनाश चौहान आपको तो खुश होना चाहिये,,, कि आप पिता बन गये है,,,,पर आप तो हैरान हो रहे है,,कुछ बात है क्या " डॉ. ने अविनाश के चेहरे के भावो को पढ़ते हुए कहा ।वो खुद को सम्भालते