सोई तकदीर की मलिकाएँ 12 शहर के बङे डाक्टर के जवाब दे देने पर भोला के पास कोई चारा ही नहीं था । वह बेबे को घर ले आया । बेबे की इस अज्ञात बीमारी से घर का माहौल उदास हो गया था । गम धुआँ बन कर भीतर फेफङों तक भर गया था । हर पल चिंता बनी रहती । क्या बेबे ... ? इसके आगे सोचने से भी उन्हें डर लगता । वे एक झटके से बुरे ख्यालों को बाहर निकाल फेंकते । मन को ईश्वर के चरणों में लगाने की कोशिश करते । सतगुरु