तड़प इश्क की - 11

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अब आगे.......वैदेही अधिराज को देखती है फिर धीरे धीरे अपने गुलाबी होठों को अधिराज के होंठों पर रख देती और उसे सांस देने लगती है....अधिराज से अब और चुप न रहा गया और वो आंखें खोलते हुए वैदेही को अपनी बाहों में कस लेता है... अचानक हुई अधिराज की इस हरकत से वैदेही चौंकते हुए कहती हैं....." अधिराज आप क्या कर रहे हैं ये ...."और उससे अलग होकर अपने दुपट्टे को सही करके कहती हैं....." आप सच में बहुत बेशर्म हो रहे हैं...."अधिराज मुस्कुराते हुए कहता है...." आखिरकार आपने हमारी इस इच्छा को पूरा कर ही और रही बात बेशर्म