"ज़ैनब" ज़ैन पीछे से आवाज़ दी। "हु।" ज़ैनब ने पीछे मुड़ कर उसे देखा। "क्या तुम्हें मुझ पर भरोसा नही है!" ज़ैन उसकी आँखों मे देखए हुए बोला। "अगर भरोसा नही होता तो आप यहां बैठे मुझसे बातें नही कर रहे होते।" ज़ैनब ने मुस्कुराते हुए कहा और कैबिन से बाहर निकल गयी। ज़ैन भी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया। ....…... आज वीकेंड था। सानिया बिना किसी चीज़ की फिक्र किये बिना ही सो रही थी। मोबाइल की बार बार रिंग करने की वजह से उसकी आंख खुली। "हेलो।" सानिया नींद में डूबी आवाज़ में बोली। "हेलो, कैसी हो?" वही