अहमद आफिस मे बैठ लैपटॉप पर गेम खेल रहा था उसे अचानक सानिया की याद आने लगी। उसने आफिस फ़ोन उठाया और सानिया को फ़ोन किये। हेलो........सानिया की नींद से भरी आवाज़ उसके कानों में पड़ी। "कैसी हो सानिया मैडम?"अहमद ने हस्ते हुए पूछा। "कौन?" सानिया चिढ़ कर बोली। "अहमद" उसने अपना नाम बताया। "तुम बंदर हिम्मत कैसे हुए तुम्हारी मुझे फ़ोन करने की बंदर की शक्ल वाले इंसान, मेरी नींद खराब करदी बत्तमीज़ कहि के।" सानिया ने अपना सारा गुस्सा उस पर निकाल दिया। "ओह रुक जाओ यार तुम तो नॉन स्टॉप ही शुरू हो गई।" अहमद उसे शांत