समझौता करते करते,एक उम्र के बादआदी हो गए हमऐ ज़िन्दगी!तेरे इम्तिहान के।अरीज और अज़ीन के बाबा इब्राहिम ख़ान श्यामनगर के एक एक्साईड मैनूफ़ैक्चारिन्ग कम्पनी में एक अच्छे ओहदे पे काम करते थे और मां इन्शा ज़हूर एक छोटे से प्राइवेट स्कूल की टीचर। दोनों कोलकाता में गोयनका काॅलेज ऑफ काॅमर्स एंड बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन में पढ़ते थे। इब्राहिम ख़ान एम्.काॅम कर रहे थे और इन्शा ज़हूर बी.काॅम। इन्शा पूरे काॅलेज में सबसे ख़ूबसूरत और हसीन लड़की थी। सुनहरा रंग, बड़ी बड़ी काली आंखें और उन आंखों को साया देती लम्बी घनी पलकें, भरे ख़ुबसूरत होंठ, काले लम्बे बाल, पतली खड़ी नाक,