मेरे घर आना ज़िंदगी - 13

  • 3.2k
  • 1.8k

(13) योगेश उर्मिला का हाथ थामे बैठे थे। बड़े प्यार से उनके सर पर हाथ फेर रहे थे। रह रह कर उनकी आँखें भरी जा रही थीं। पंद्रह मिनट हो गए थे। पर उर्मिला ने योगेश को देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। वह बस खोई खोई सी इधर उधर देख रही थीं। योगेश ने उनसे कहा,"उर्मिला क्या मुझे नहीं पहचान रही हो ?"उर्मिला ने उनकी तरफ देखा। उसके बाद बोलीं,"आप तो दो दिन में ही शादी से लौटने वाले थे। चार दिन लगा दिए। विशाल रोज़ आपके बारे में पूछता था। अभी कुछ देर पहले ही खेलने के लिए