करोड़ों-करोड़ों बिजलियां - 10

  • 3.8k
  • 1.6k

अध्याय 10 वैगई वडपरणी के वाणी नर्सिंग होम में पहुँची, चीफ डॉक्टर कहीं जाने के लिए तैयारी में थे | वैगई को देख उनका चेहरा सख्त हुआ, अर्चना को सामने वाली कुर्सी की ओर दिखाया | “बैठिए...........” वैगई के बैठते ही, “आई. सी. यू. में जाकर ईलम चेरियन को देखा ?” “नहीं डॉक्टर............... पहले आपको मिल कर जाऊँ सोच कर आई | कैसे अचानक खून की उलटी ? अच्छे हेल्थी ही तो थे |” “वही तो मुझे भी आश्चर्य है...... दो बजे मैं राउड में गया | उस समय भी ईलम चेरियन खुश होकर मुथल टी. वी. देख रहे थे