तड़प इश्क की - 7

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अधिराज उसकी परेशानी को देखकर हंसते हुए कहता है...." एकांक्षी ये सपना नहीं है, , , ये सब सच्चाई है जिसे हम रोक नहीं पाए और आपके करीब आ ही गये.... अब तो हर रोज ऐसे ही सपने देखने की आदत डालनी पड़ेगी.... क्योंकि अब हम और आपको पाने की प्रतीक्षा नहीं कर सकते..अब आगे........एकांक्षी वापस सोने की कोशिश कर रही थी लेकिन घर में आ रही घंटी और आरती की आवाज से अपने पिलो को अपने कान पर रखती हुई और फोन में टाइम देखकर कहती हैं कहती हैं....." ये मां भी न सुबह सुबह शुरू हो जाती है....अभी