अभिव्यक्ति.. - 5

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  इंतकाम,...    कसम से इंतकाम का हमें ऐसा सुकून मिले  खुदा करे की तुम्हे तुमसा कोई हू-ब-हू मिले    जिसे तुम बेपनाह चाहो तुम्हे वो इस तरह मिले  जैसे की कोई लाइलाज जानलेवा रोग सा मिले    तेरे दिलके हर पहलूमें नाम सिर्फ उसीका मिले  और दर्द तुम्हे उस नाम से बे-इन्तिहा मिले   जिनके सपने सजाते रहो तुम रोज तुम्हे वो रात मिले  पलक खोलो तो तुम्हे खाख होते सारे जज्बात मिले   नाक़ाम ना रहो तूम करने को वो एक ही काम मिले  की तुम रुस्वा होकर मर जाओ वैसा तुम्हे नाम  मिले    और हा, तुम सलीके से