सुबह होते ही उन लडको की लाशो को अपने अपने घर आत्म हत्या का बहाना कर के पंहुचा दी जाती है | जिले का हर एक आदमी जानता था की उन लडको ने आत्म हत्या नहीं की है उनको मानसिंह जादवा ने मार डाला है पर किसी में इतनी हिम्मत कहा की वो आकर मानसिंह जादवा के खिलाफ खड़ा हो सके क्योकी की यहाँ का कानुन भी मानसिंह जादवा की गुलामी करता था और तलवे चाटता था | वो बरगद का पेड जिसने एसे कई सारे किस्से और घटनाये देखी है जहा दानव ने सच्चाई को परेशान किया