सोच के गुलाम अंक १ हमारी कहानी में वर्णित किए गए सभी पत्रों, जाती एवं जगह के नाम काल्पनिक है इसका किसी जगह या नाम से मेल होना संजोग मात्र है | हमारी कहानी मनोरंजक तौर पे लिखी गई है जो किसी भी धर्म या जाती का अपमान नहीं करती | हमारी कहानी सिर्फ एक कहानी नहीं है बल्कि एक सोच है जो पुरे समाज को बदलने की ताकत रखती है जिसे आज में आपके बिच रख रहा हु अगर आपको यह सोच सही लगती है तो इसे समाज के हर एक लोगो के पास पहुचाने