दामिनी उर्फ सानिया अपने शोहर के बदले बर्ताव से दुखी थी ..उसे रातभर नींद नही आई .. उसकी आंखों से आंसू पूरी रात बहते रहे.. घर वाले फजर की नमाज पढ चुके थे ..कीचन से अदरक कूटने की आवाज आ रही थी..साथ में चाय की भीनी भीनी खुशबू भी ..आंगन मे सभी घरवाले जमा थे कुछ बैठे थे .. कुछ खड़े थे ।मौलवी सोफे पर बैठा था .. वह कह रहा था आज चांद दिखाई दिया तो इंसा अल्लाह कल से रोजे शुरू हो जायेंगे.. बगल में इरफान के बड़े भाई का रूम था जिसमे से बच्चे के रोने की