तमाचा - 8 (दुविधा)

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सूरज की किरण धीरे-धीरे धरा की तरफ अपने कदम बढ़ा रही थी । विक्रम अपनी बेटी को आँख खुलते ही जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिये उसके कमरे में जा रहा था तभी उसके फ़ोन की घंटी बजती है। "हेलो , विक्रम जी गुड मॉर्निंग। " "गुड मॉर्निंग , मालिक आज जल्दी कैसे कॉल किया।" कॉल विक्रम के मालिक सुनील का था । विक्रम पहले से ही तनाव में था ऊपर से मालिक का कॉल जो तनाव को और बढ़ाने वाला था। " मैं ये बोल रहा था कि आज आप जल्दी से आ जाओ । गुजरात वाली पार्टी को