FIKAR - तेरे इश्क़ की - 3

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[ RECAPE ]( आलोक के जन्मदिन पर सब मिल के आरती करते हैं , बातो ही बातो में सबको अपना बिता हुआ कल याद आ जाता हैं और उसके बाद आलोक उस बीते हुए कल को दोहरा ने की बात करता है जिससे आस्था मन ही मन दुःखी हो जाती हैं और वहा से चली जाती हैं। )___________अब आगेसंजय सर : आलोक की बात बिलकुल सही है , वक्त की इस भागा दौड़ी में आज फिर एक बार हम अपने बीते हुए लम्हों को याद कर सकते है। आर्यन : हा...हा क्यूं नहीं! आज के दिन हम सब साथ है