अनिका को नही पता था की कितनी देर से वोह किसी छोटे बच्चे की तरह बैड पर घुटने मोड़ कर लेटी हुई रो रही थी। उसे झटका तब लगा जब दरवाज़े पर लगातार खटखट की आवाज़ हुई। "मैडम, सब आपका बाहर इंतजार कर रहें हैं। उन्होंने मुझे कहा है की मैं आपको तैयार होने में मदद करदूं।"अपने हाथों के पीछे के हिस्से से अपनी आंखो को रब करके उसने अपने आप को और कस लिया। "मैडम, मु....मुझे कहा गया है की मैं आपको अगर आधे घंटे में वापिस नही लेकर आई तोह, मुझे सज़ा मिलेगी। प.... प्लीज़..... दरवाज़ा खोल दीजिए।"