तड़प इश्क की - 4

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अधिराज इतना सोचते हुए वापस अपने ख्यालों से बाहर आता हुआ बैचेनी से बस एकांक्षी से मिलने के लिए उसके घर की तरफ जाता है.....अब आगे...............इधर एकांक्षी घर पहुंचती है उसे देर से आते देख सावित्री जी जल्दी से आकर कहती....." मिकू रुक जा....." इतना कहकर वो रसोई की तरफ चली जाती हैंराघव एकांक्षी को देखते हुए कहता है...." तू देर से क्यूं आई तुझे पता है न मां अब क्या करेगी...."एकांक्षी इरिटेट होकर कहती हैं....." क्या भाई मां को कहो न ये सब बेकार की चीजें हैं, मुझे यहां रोककर चली गई....."राघव साफ साफ कहता है...." देख मिकू इस