विहान जल्दी से शरण्या के कमरे से निकलकर बाहर भागा, तभी रास्ते में एक नौकर जो शरण्या के लिए कॉफी लेकर आ रहा था उसके हाथ से कॉफी लेकर भाग गया। शरण्या उसके पीछे भागी ताकि वह घर वालों को कुछ बता ना सके लेकिन उसे रोके कैसे? यह उसकी समझ में नहीं आया। विहान जल्दी से ललित के पास बैठ गया जहां अनन्या भी साथ में बैठी थी। उन दोनों को ही ऐसे भाग कर आता देख अनन्या गुस्से में बोली, "तुम लोगों को इसी घर में मैराथन करना है क्या? यह घर है कोई सड़क नहीं और यह