सपने........(भाग-22)अगली सुबह आस्था जल्दी उठ गयी क्योंकि सुबह वो जाने से पहले सब से मिल कर जाना चाहती थी....... रात को ही बात हो गयी थी कि वो एयरपोर्ट टैक्सी ले कर चली जाएगी कोई भी अपने काम से छुट्टी नही लेगा....! नाश्ता करके आस्था टाइम से निकल गयी। नवीन उसे टैक्सी में बिठा दिया.......! आस्था ने चलते चलते नवीन को फिर याद दिलाया कि, "उसे कल नचिकेत से मिलने जाना है....उसे टाइम पर वहाँ पहुंचना पड़ेगा क्योंकि नचिकेत टाइम का पाबंद है"......! "तुम बेफिक्र हो कर जाओ, मैं कल वहाँ टाइम से पहले ही पहुँच जाऊँगा"। नवीन की बात