सूर्यनगर की सरहद पर अब रात के अंधेरे में यहां फैले मैदानों की अंधेरी चादर को रोशनी से सराबोर करते सेनिको के हाथों की वह मशाले यह साफ संकेत दे रही थी कि यहां सूर्यनगर के महा योद्धा हाजिर थे जो अपनी ताकतवार सेना के साथ अंधेरे रात में अपने अपने तंबुओं में चर्चा में मग्शुल थे ।इसी मैदान में लगे कई सौ तंबुओं के बीच एक के अंदर सूर्यनगर का दूसरा प्रमुख सेनापति भी अपने अन्य योद्धाओं के साथ बैठकर अन्न ग्रहण करते हुए (खाना खाते हुए)उनसे चर्चा में मग्शुल था । कि तभी अचानक ही एक जंगली हिरण