प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग १

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कुछ रिश्ते ऊपर वाले ही तय कर के रखता है और हमारे ऊपर छोड़ देता कि किसी तरह से भी इनको मिलना ही है पर प्यार का दूसरा नाम समर्पण त्याग बलिदान भी होता है।।इंसान सोचता कुछ है और होता कुछ और है।कहते हैं कि भगवान ने ही ये सब सोचा होगा या फिर नियति कह लिजिए जनाब।मैं अब कहानी शुरू करने जा रही हुं।आज पुरा मेहता परिवार खुश हैं घर में सजावट और लाईट लग रही है और पुरा घर दुल्हन की तरह सजा हुआ है।आज महेता जी की एकलौती बेटी हिना की शादी हो रही थी पर क्या