श्रद्धा फूल को जैसे ही अपने बैग में रखने ही वाली थी,की तभी करण वहा आ जाता है और श्रद्धा के हाथ से फूल छीन कर अपने हाथों से मिसते हुए श्रद्धा से पुछता है" तुम ये फूल क्यों ली उसने आखिर ऐसा क्या कहा जो तुमने ये फूल लिया? "..... श्रद्धा चौकते हुए बोलती है"क्या बात कर रहे हो तुमने ही तो उससे बोला, की जाओ उसे फूल देकर आओ?"करण फूल को फेकते हुए कहता है"तो ये बात है अब देखो कैसे उसे उसकी औकात दिखाता हूं मुझसे होशियारी किया हैं ना अब दिखाता हूं क्या चीज़ हू मैं!"...