अथ गूँगे गॉंव की कथा - 23

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उपन्यास-   रामगोपाल भावुक                                अथ गूँगे गॉंव की कथा 23                अ0भा0 समर साहित्य पुरस्कार 2005 प्राप्त कृति     23      गाँव में राहत कार्य तेजी से चलने लगा। दोनों तालाबों की मरम्मत का काम चल रहा था। मजदूर अपने-अपने घेरे बनाकर काम कर रहे थे। कुछ मिट्टी खोद रहे थे, कुछ लोग उस मिटटी को पिरियों एवं तस्सलों में भर रहे थे। कुछ पिरियों एवं तस्सलों की मिटटी को तालाब की पार पर ले जाकर डाल रहे थे। यों घर के बूढ़े- बड़े भी अपनी सामर्थ के अनुसार काम कर रहे थे। मौजी ने