अथ गूँगे गॉंव की कथा - 11

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उपन्यास-   रामगोपाल भावुक                                अथ गूँगे गॉंव की कथा 11                अ0भा0 समर साहित्य पुरस्कार 2005 प्राप्त कृति                                11         लोकतंत्र का पौधा जब पनपता है और सत्ता के केन्द्र में जाकर ब्राजमान होता है,। तब वही जन- जन की इच्छायें पूरी करने में समर्थ होता है। इसमें अधिकांश के विकास को समग्र का विकास मान लिया जाता है।      विश्व में प्रजातंत्र से सफल कोई शासन की श्रेष्ठ प्रणाली नहीं हो सकती। मानव के विकास में यह बहुजन हिताय और बहुजन सुखाय की उत्तम परम्परा विकसित हुई है। जब यह प्रणाली