उपन्यास- रामगोपाल भावुक अथ गूँगे गॉंव की कथा 5 अ0भा0 समर साहित्य पुरस्कार 2005 प्राप्त कृति 5 तेज धूप के कारण कुन्दन का मुँह सूखने लगा। इसी समय तुरही का स्वर गूँजा। लोग आलस्य का परित्याग करके उठ खड़े हुये। बाबड़ी के पास से नीचे उतर कर मरधट में जा पहुँचे। इस सास्वत सत्य पर गुलाल चढ़ाकर सभी ने अभिनन्दन किया। तालाब के किनारे से चलकर दानास बालाजी के बाग में पहुँच गया। बालाजी मन्दिर की दुर्दशा देखकर उनका मन क्रोधित होने लगा। मन्दिर की दीवारें फट गईं थीं। मूर्तियों की