कहानी प्यार कि - 22

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थोड़ी देर के बाद गाड़ी ओब्रॉय मेंशन पर आकर रूकी। अनिरूद्ध ने गाड़ी का दरवाजा खोला और फिर संजना कि तरफ अपना हाथ बढ़ाया.. संजना ने अनिरूद्ध का हाथ थामा और फिर बाहर आई दोनो साथ में अंदर जाने के लिए आगे बढ़े... दरवाजे पर अनुराधा जी दादी और बाकी सब गेस्ट उन लोगो के स्वागत के लिए खड़े थे.. अनुराधा जी ने दोनो कि आरती उतारी और फिर संजना कलश गिराकर अंदर दाखिल हुई... उसके बाद शादी के बाद कि और कुछ रस्मे हुई और उसके बाद अनुराधा जी संजना के पास आई.." बेटा अब तुम अपने कमरे में