"जाओ फिर। किसका इंतजार कर रही हो?" कबीर ने उसे अभी भी अपने बाहों के घेरे से आज़ाद नहीं किया था। "उह्ह्.....आपके बर्थडे का।""मेरे बर्थडे का क्या? इट्स ऑलरेडी ओवर। पौने बारह बज गए हैं।""सो इट्स नॉट ओवर येट।""तोह अब मैं क्या कर सकता हूं?" कबीर ने उसके गर्दन के धुंधले से निशान से खेलते हुए कहा। "मैने आपको कोई गिफ्ट नही दिया है।" अमायरा ने जवाब दिया। "कोई बात नही अमायरा। तुम ही मेरा गिफ्ट हो। तुम मेरे साथ हो, यही मेरे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट है जिंदगी भर का। इसके अलावा मुझे कुछ भी नही चाहिए।" कबीर ने