अमायरा अपनी सास सुमित्रा जी के साथ कमरे से बाहर चली गई और छोड़ गई कमरे में अकेले शरारत से मुस्कुराते हुए कबीर को। जब कबीर नाश्ते के लिए नीचे आया तोह उसके चेहरे पर एहंकारी मुस्कुराहट थी। और अमायरा उसके पीछे वजह अच्छी तरह से जानती थी। आज पूरा दिन अमायरा सुमित्रा जी के साथ बिज़ी रही, उसे कबीर के साथ अकेले बहुत कम वक्त मिला था वरना सब घर वाले आज इर्द गिर्द ही घूम रहें थे जो की अमायरा के लिए थोड़ा सहूलियत की बात थी। लेकिन कबीर की नज़रे कभी भी अमायरा का पीछा नहीं छोड़ती