खौफ की रातें - 1

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1) दिल्ली की गलियांमेरा नाम मुकेश है , नगर गांव का लड़का हूँ मैं।आधीरात को जंगल में जाकर लौट सकता हूँ ,अमावस्या को गांव के शमशान से शव जलाने वालेलकड़ी न जाने कितनी बार लाया हूँ । परन्तु मेराडर है केवल दिल्ली शहर से , जहां दो कदम बढ़ने परलोगों से धक्का लगता है । इलेक्ट्रिक लाइट के कारणदिन है या रात समझ ही नही आता । वहीं पर एकरात जिस मुसीबत में पड़ा था क्या बताऊँ ।।" नही दिल्ली शहर में शाम के बाद निकलना इससे डरनेकी बात नही । "मेरी यह बात सुन सब हँस पड़े ।" तो