रात के दो बज रहे थे और विराट मेघालय और असम बॉर्डर के बीच पड़ने वाली किशनोईनदी पार कर रहा था। दूर-दूर तक अंधेरा छाया हुआ था। एक गहरे सन्नाटे नेकिशनोई नदी को घेर के रखा हुआ था और उसी नदी के ऊपर काले बादल मंडरा रहे थे जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि किसी भी पल वह बरसने वाले है। नदी में घुटनों तक पानी था जो धीमी रफ्तार के साथ बहे जा रहा था।विराट के एक हाथ में मोबाइल का टॉर्च था तो दूसरे हाथ में साईकिल का हैंडल। विराट पैदल-पैदल मोबाइल के टॉर्च की रोशनी के