दोनो हॉल में पहोंचे तो अली ने उन्हें देखते हुए अपना हाथ हिलाया। यह देख कर अहमद हस्ते हुए ज़ैन से बोला:"यार ज़ैनु नैना भी तुझे देख कर ऐसे ही हाथ हिलाती थी ना।" ज़ैन ने घूर अहमद की तरफ देखा और फिर अली के गले लग गया। "और सुनाओ तुम लोग सही से तो पहोंचे हो ना?" अली ने कहा। "नही, पहले ट्रैफिक में फसे थे फिर पहोंचे है।" अहमद ने कहा। उसकी बात सुनकर दोनो हँसने लगे। "यार अहमद तू कभी सीधा जवाब नही दे सकता क्या?" अली ने हस्ते हुए कहा। उसकी बात सुनकर ज़ैन हस्ते हुए