अभय और केतकी की सुलह हो गयी .. केतकी खुश है ..कजरी भी सुलह हो जाने से शान्त है किन्तु उसे अब भी लग रहा है कि अभी तूफान आना बाकि है शायद अभय के परिवार की तरफ से ..उसी समय गेट पर दस्तक ... मीठी आवाज मे ..जीजू मैं अंदर आ सकती हूँ ? अभय के लिए आवाज अपरिचित .. किन्तु केतकी और कजरी पहचान गयी, कि कौन आयी है । कजरी ने केेेतकी तरफ देखकर अपनी भौंहे मटकाई...केतकी बोली आजाओ .. इजाजत मिलते ही मीठी आवाज वाली वह चुलबुली अंदर आगयी.. उसके आते ही हल्की सी महक पूरे