अहमद अभी भी चेयर पर बैठा सिगरेट पी रहा था। सिगरेट पीने की वजह से उसकी आंखें लाल हो गयी थी। अशिएल टरे भर चुका था। एक तो वो इस गम में पी रहा था कि इतने सालों की की हुई इसकी मेहनत पर पनी फिर चुका था। इतने सालों से उसने ज़ैन के अंदर के उस दरिंदे को कितनी मुश्किल से सुलाया था। जो अब फिर से जाग चुका था। और दूसरा वोह ज़ैन के ऊपर हाथ उठाने की वजह से पी रहा था। उसे बहोत दुख हो रहा था ज़ैन के ऊपर हाथ उठाने पर फिर उसने सोचा