मिलन पुर - 5 - अंतिम भाग

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" अरे मम्मी कहा हो चलो ना हमे जाना है बहार घुमने. कुच लाना भी है चलो चलो जल्दी से." अरे हा बेटा रुको मे आती हू थोडा सा वेट कर लो. आधे घंटे के बाद . . . . . . . . . ." अरे बेटा हम कब के आ गए बाज़ार से तुम क्या कर रहे हो." कुच नही मम्मी जो बस यही पे कुच काम था वो कर रहे थे." चलो बहुत अच्छे वैसे अब मत लड़ना अपनी पत्नी से ठीक है. वरना मार पड़ेगी तुम्हे." अरे हा मम्मा इतना टेन्सन क्यू लेते हो अब ऐसा