मुझे कोई अफ़सोस नहीं

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एक दिन मुझे मेरा एक दोस्त आकर कहता है "ये तू क्या फालतू की चीजें कर रहा है?" "ये तुम क्या कह रहे हो,तुम्हे कोई चीज़ नही पसंद इसका ये मतलब तो नही की वो फालतू है" मेने उसे गुस्से से कहा।"ऐसी चीजे तुम्हे ही पसंद होगी भला किसी को लिखना कैसे पसंद हो सकता है""क्यों नही हो सकता? अगर मैं इसी आधार पर तुम्हे कहूं की किसी को इतना खाना कैसे पसंद हो सकता है" मेने उसे जवाब में कहा।"तुम क्या कहना चाहते हो? की मै मोटा हूं?""कहना क्या है ये तो साफ दिख रहा है"उसने गुस्से में आकर