आँगन की चाँदनी - 7

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आरोही तैयार होकर अंजलि जी के पास जा कर बोली, माँ मैं अपनी दोस्त से मिलने जा रही हु। अंजलि जी: ठीक है लेकिन जल्दी आ जाना। आरोही: ठीक माँ फिर वोह गाड़ी की चाभी ले कर वहां से निकल गयी लेकिन रास्ते मे ट्रैफिक होने की वजह से वो वहां पहुचने में लेट हो गयी, जब वोह रेस्टुरेंट पहोंची तो देखा राहुल टेबल पर बैठे इधर उधर देख रहा था, आरोही चुप चाप अंदर गयी और पीछे से राहुल की आंखों पर अपने हाथ रख दिये। राहुल: मेरी नज़रे तरस गयी है तुम्हे देखने के लिए और तुम होके