जाम श्री अबडा जी कच्छ के एक छोटे जागीरदार थे। अबडा जी अबडा-अडभंग (कभी वचन ना तोड़ने वाले) के नाम से जाने जाते थे। उमरकोट में तब सुमरा वंश का शासन था। वहा दो भाई घोघा सुमरा और चनेशर सुमरा के बीच तकरार होने के कारण चनेशर सुमरा दिल्ली के बादशाह अलाउद्दीन खिलजी के पास चला गया, और खिलजी के पास मदद मांगी की वहा उमरकोट में मेरा राज्य घोघा ने छीन लिया है, अगर आप मेरी मदद करेंगे तो आप को सुंदर सुमरी स्त्रिया दिल्ली ले आने का मोका मिलेंगे।हवस के अंधे खिलजी ने चनेसर का साथ देने के