अभिनंदन ने इन चारों दोस्तों के समक्ष माफ़ी मांगते हुए कहा, " बेटा मैं वह पल, वह लम्हें, जो तुम्हारी बहनों ने कष्ट के अनुभव में झेलें हैं, वह वापस तो नहीं कर सकता लेकिन यह वादा अवश्य करता हूँ कि आज के बाद गाँव की हर लड़की गाँव में आज़ादी से घूम सकेगी। मेरे बेटे को उसके गुनाहों की सज़ा ज़रूर मिलेगी। बस मैं तुम सभी से माफ़ी माँगना चाहता हूँ।" रमेश ने कहा, "अंकल आप ऐसा मत कहिए प्लीज़। अंकल हमें रंजन से कोई जाती दुश्मनी नहीं है। हमें तो केवल इतना ही चाहिए कि हमारे गाँव की