अतीत के पन्ने - भाग 21

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छाया ने रात को खाना परोस दिया और फिर बोली भाई आप एक कोई दुकान पर बैठाने वाला देख लो। आलेख ने कहा हां ठीक है मैं सोच रहा था कि उसे एक बार बोलू शायद उसे पैसों की जरूरत होगी। और फिर आलेख ने शाम को फोन किया और फिर बोला हेलो शाम मैं आलेख।।उधर से आवाज आई हां कान्हा बोलो।आलेख ने हंसते हुए कहा देखो तुम्हारे लिए मेरे पास एक काम है क्या तुम करना चाहोगे?शाम ने कहा हां, हां क्यों नहीं मैं जरूर करुंगा।आलेख ने कहा हां ठीक है कल आओ मेरे घर।शाम ने कहा हां कान्हा