पक्षी को कोई उड़ना नहीं सिखाता, बस इस कदर उड़ने की आवश्यकता होनी चाहियें कि उसके अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचें; फिर क्या.. उनका उड़ना अंदर से आता हैं; शायद यहीं बात मादा चील जानती हैं, तभी तो एक पर्याप्त उच्चाई पर जाती हैं और अपने बच्चें को वहाँ से नीचें धरा पर गिरनें को छोड़ देती हैं जिससें उसके पास उड़ने के सही ढंग से प्रयत्न के अतिरिक्त कोई विकल्प ही नहीं शेष रहें; उसकी समझ में मरने के अतिरिक्त जो कि कोई जीव नहीं चाहता, आखिर! सभी को अपनीं जान प्यारी होती हैं पर कयी बार