"वाह बहुत ही सुंदर घर बनाया है तुमने नैना और उससे बढ़कर उसे सजाया है।""हां भई! देखने से ही वैभव झलक रहा है। लगता है दिल खोलकर खर्च किया है तुमने!"" अनीता, मेरा बरसों का सपना था कि एक बड़ा सुंदर सा घर हो। जो अब जाकर पूरा हुआ। हां घर तो पहले भी था लेकिन वह हमारे हिसाब का नहीं। बरसों की इच्छा पूरी हुई है तो क्यों कंजूसी करनी!"नैना अभी कह ही रही थी कि उसकी दोनों नंनदे और देवरानी भी उधर आ गई। दीवार पर टंगी अपने सास-ससुर की तस्वीर की ओर इशारा करते हुए नैना गर्व