एक खूबसूरत सफर

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सत्य ही कहा गया है कि दुनिया बहुत छोटी है, कब किस मोड़ पर कौन बिछड़ा हुआ मिल जाय कुछ कहा नहीं जा सकता था।मैंने स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि अब कभी जिंदगी में उससे मुलाकात हो पाएगी।हर बार सफर करते समय सोचता था कि किसी राह पर एक बार उससे मुलाकात हो जाय।आज यात्रा प्रारंभ करते समय नहीं ज्ञात था कि दशकों पुरानी ख्वाहिश इस तरह पूर्ण हो जाएगी। ट्रेन में अपनी सीट पर व्यवस्थित होने के पश्चात जब मैंने अपने चारों तरफ निगाहें दौड़ाई तो अगले कम्पार्टमेंट की खिड़की वाली सीट पर बैठी प्रौढ़ा कुछ जानी