सपने........(भाग-16) अगली सुबह सबने एक साथ नाश्ता किया, नवीन भी स्टूडियो के चक्कर लगाया करता है तो वो भी तैयार हो रहा था......"नवीन मुझे तुम अपनी मम्मी या बहन का एकाउंट नं. देना यार"! आदित्य ने नवीन को कहा तो नवीन थोड़ा हकलाते हुए बोला, "क्यों, क्या हुआ"? रिलैक्स यार कुछ हुआ नहीं है, पर कल रात को तुम परेशान थे कि बिना पैसों के घर कैसे चल रहा होगा तो मैं सोच रहा हूँ," जब तक तुम ढंग से कमाने नहीं लगते तब तक हर महीने 10,000 उनके एकाउंट में डाल दूँगा......जब तुम्हारे पास पैसे आ जाएँगे तो