अग्निजा - 24

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प्रकरण 24 जयसुख को समझ में ही नहीं आ रहा था कि लखीमां को कैसे संभालें और केतकी को कैसे समझाएं। प्रभुदास अत्यंत व्यथित होने के बावजूद भोलेनाथ के नामस्मरण में मगन थे। कभी-कभी वह बहुत नाराज और गुस्से में दिखाई देते थे...उसका कारण भी वैसा ही था। सारी दुनिया का भविष्य बताने वाले प्रभुदास बापू स्वजन का भविष्य उजागर नहीं कर सकते थे। इस कारण वह भीतर ही भीतर कसमसा रहे थे। यशोदा क्यों नहीं आ रही है और कब आएगी, इसके अनेक अलग-अलग कारण लखीमां और जयसुख ने केतकी को समझाकर बताए। लेकिन अब उस मासूम बच्ची का