अग्निजा - 23

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प्रकरण 23- “एक किलो पपीता दो जल्दी से” लखीमां यशोदा के लिए फल खरीदने के लिए अस्पताल के बाहर निकली थीं। लेकिन आसपास कोई फलवाला नहीं होने के कारण उन्हें थोड़ा दूर जाना पड़ा। न जाने क्यों, उन्हें थोड़ी बेचैनी हो रही थी। पपीते वाले को पैसे देकर वह और थोड़ा आगे बढ़ीं और वहां से दो दर्जन केले खरीदे। मन ही मन रामनाम का जाप करते हुए जल्दी-जल्दी अस्पताल की ओर वापस होने लगीं। उनके पैरों की गति से ज्यादा तेज उनके विचारों की गति थी। “आठवें महीने में प्रसूति वह भी ऑपरेशन से...बेचारी कितनी स्वस्थ हो पाएगी? उस