प्रकरण 19 शांति बहन को काम करते-करते खीज होने लगी थी। लेकिन, रणछोड़ दास यशोदा को उठने भी नहीं देता था। उसके सामने शांति बहन यशोदा को झूठमूठ डांटती भी थीं, “आराम करो...आराम करो...मेरे कृष्ण को यदि कुछ हो गया तो....?”रणछोड़ बेटा, बहुरानी को तुम भी कुछ समझाया करो..और ये देखो बहू, थोड़ी देर बाद हलुआ और लड्डू खा लेना और फिर एक घंटे बाद दूध पी लो...फिर थोड़ा आराम करो...मेरा कृष्ण एकदम स्वस्थ पैदा होगा...” लेकिन रणछोड़ दास के बाहर निकलतेही वह यशोदा को खाना-पीना देने के बजाय कामों में लगा देती। साथ ही बड़ब़ड़ाते रहती, “मेरे समय मैं