दोनों( विक्रम और अभिमन्यु) एक दूसरे की शक्ल ही देखते रहे। फिर विक्रम ने औरत से पुछा-"आपका परिचय?? वो औरत बोली "मेरा नाम मालती तिवारी है, मैं एस.बी.आई. में जनरल मैनेजर हूँ। मेरी बेटी का नाम मानसी है, वो कल रात को घर नहीं लौटी,आप उसे ढूंढिए।"तभी विक्रम के फ़ोन पर रिंग आई। उठाने पर सामने से एस.पी. की आवाज़ आई -" मालती जी तुम्हारी चौकी पर आई हैं?? वो हमारे मित्र की धर्मपत्नी है। उनको ज्यादा देर चौकी में मत रोकना। अगर कोई काम हो तो उनके घर जाकर मिलना।"विक्रम-" जी सर, उनको कोई तकलीफ नहीं होगी सर, जय